जहाँ एक तरफ देश ढून्ढ रहा है अपना १३ वा राष्ट्रपति
वहीँ महंगाई और बीवी के नखरे झेल रहा है बेचारा पति.
राष्ट्रपति की गद्दी पर कौन बैठेगा यह सवाल सबके मन में है,
और पति, घर के राशन और ई एम् आई के उधेड़बुन में है.
पति का एक मात्र लक्ष्य पत्नी के चेहरे की मंद मंद मुस्कान है,
और राष्ट्रपति के मन में सिर्फ उनकी अगली अंतर राष्ट्रीय उड़ान है.
अरे भई, तुम सब को राष्ट्रपति के चुनाव की ही पड़ी है,
जबकि राष्ट्र और पति, दोनों की बराबर से लगी पड़ी है.
हालात यह हैं, की जिन महानुभाव मंत्री महोदय का इसमें हाथ है,
उन्ही बंगाली बाबु मोशाए को मिला हमारे माननीय मंत्री लोगों का साथ है.
ऐसे में मैं, राष्ट्र और पति के साथ डट के खड़ा हूँ.
बदलाव लाने की जिद्द पे अड़ा हूँ.
क्या आप भी राष्ट्रपति चुनाव की चिंता से ग्रस्त हैं?
जबकि सरकार और नेतागण, राष्ट्र और पति को लूटने में मदमस्त हैं.
हमारे प्यारे मंत्रीजी,
अगर आप हमें सुन रहे हैं तो बस इतना सा कीजिये
वोट राष्ट्रपति को नहीं बल्कि राष्ट्र और पति को दीजिये.