एक पल को भूल जा की तेरी भी कोई हस्ती है,
उसके इश्क में डूबी ज़िन्दगी भी एक मस्ती है,
उसके इश्क में डूबी ज़िन्दगी भी एक मस्ती है,
छलक जाने दे खुदको उस हुस्न के प्याले से,
मचल जाने दे दीवानी रात को मदमस्त उजालों पे.
यह वादा है की हुस्न भी नज़रें बिचेगा एक दिन,
होगी बावरी हर दीवानी तेरे इश्क पे उस दिन.
दुआ है उस दीवाने से दीवानी जिसकी है जन्नत,
लुटा देना तुम सब खुशियाँ, है मेरी अब यही मन्नत.
मेरे मित्र Saurav chakraborty को जन्मदिन के अवसर पे मैं यह रचना उनको भेंट करना चाहता हूँ.
3 comments:
बढ़िया तोहफा!
Saurav chakraborty को जन्मदिन की
शुभकामनाएँ!
बहुत लाजवाब तोहफा आपको व आपके दोस्त को बहुत बहुत बधाई और आशीर्वाद। ये दोसती यूँ ही बनी रहे।
बहुत बडिया तोहफा दिया है दोस्त को ये दोस्ती यूँ ही बनी रहे आशीर्वाद और बधाई
Post a Comment