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Wednesday, June 30, 2010

गुड मार्निंग!



उसे याद कर के न दिल दुखा
जो गुज़र गया वो गुज़र गया
कहाँ लौट कर कोई आएगा
जो गुज़र गया वो गुज़र गया

नई सुबह है , नई शाम है
नया शहर है नया नाम है
जो चला गया उसे भूल जा
जो गुज़र गया वो गुज़र गया

मुझे पतझड़ की कहानियां
न सुना सुना के उदास कर
नए हादसों का पता बता
जो गुज़र गया वो गुज़र गया

यह मानने में हर्ज़ क्या है
की इस सुबह का ही इंतज़ार था
रात के ख्वाब को
ख़्वाब में ही रहने दे ज़रा

वह कल गुज़र चुका है, गुज़र जाने दे उसे
यह सुबह टकटकी लगाये बैठी है
बाँध ले इसे अपनी झोली में
दिन भर की थकान के लिए
मुस्कुरा के शुरुआत कर
अपनी हर सुबह का तू

शुभ प्रभात!
photo by: http://www.flickr.com/photos/yarizu/

1 comment:

SKT said...

नए हादसों का पता बता- वाह, क्या खूबसूरत लाइन है!... कुर्बान इस पर।