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Sunday, January 23, 2011

चंद लम्हों पहले

चंद लम्हों पहले
एक मासूम दिल से मुलाकात हुई है,
कई दिन बाद आज खुद से कुछ बात हुई है

दिल की साफ़ है यह जानता हूँ मैं,
उसकी अनसुनी धडकनें पहचानता हूँ मैं

पहेली तो नहीं लगती,
वह चुलबुली बातें उसकी,
खिंचा जा रहा हूँ एक डोर से,
यह मानता हूँ मैं

कुछ तो बात है जो चेहरे पे
मुस्कान खिली हुई है,
चंद लम्हों पहले,
एक मासूम दिल से मुलाकात हुई है

कहना चाहता हूँ उस मुसाफिर से
दो पल ठहर जाने को,
अपने दिल के किसी कोने में,
एक कोना दे दे इस दीवाने को

चंद लम्हों पहले
एक मासूम दिल से मुलाकात हुई है,
कई दिन बाद आज खुद से कुछ बात हुई है

2 comments:

Vivek Khurana said...

काहे सेन्टीया गये ?

Piyush Aggarwal said...

कुछ नहीं ऐसे ही लिखा :)