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Wednesday, April 22, 2009

खुशियाँ, मूल्य - मात्र ११ रुपये

न जाने क्यूँ पर कई सालों बाद कल एक ख्याल मन मैं आया, बस ख्याल आते ही मैं उठ खड़ा हुआ और चल पड़ा। पिछले कई बरस से मैं अपने पुराने दोस्त से नहीं मिल पा रहा था, या यूँ कहूं की जीवन की भाग दोड़ में कहीं भुला बैठा था। अक्सर हमारी ज़िन्दगी में ऐसा होता है की हम उन कुछ छोटी छोटी बातों को भूल जाते हैं जिनसे हमारी अस्तित्व जुदा होता है। मेरा यह दोस्त भी मेरे अस्तित्व के किसी हिस्से से जुडा हुआ है और उसे मैं कभी अलग नहीं कर सकता।

बचपन में शायद ही कोई मंगलवार बिना इसे मिले बिना गया हो। गर्मी, बारिश, सर्दी, न मौसम और न ही वक्त मुझे रोक पाया इससे मिलने से। हर मंगल की शाम को मैं और मेरे अन्य दोस्त, हम सब झुंड बना के इन जनाब के घर इनके पसंद की बूंदी लेकर पहुँच जाते। फ़िर तोह इन इनके चेहरे पे खुशी की चमक देखने लायक होती थी। वोह दिन था और आज का दिन था, मेरे भूलने के बाद भी वोह हमेशा मेरे आस पास ही रहा, हर दुःख सुख में मेरी शक्ति और हौसला बढ़ता रहा, एक अनकहे एहसास की तरह।

मैं यह बात किसी से नहीं कहता पर आज सब को बताने का मन कर रहा है, मेरे उस प्यारे दोस्त का नाम है - हनुमान। लोग इन्हे भगवन कहते हैं, पर इन जनाब की बात ही कुछ और है। प्यार बांटना, लोगों में प्यार बढ़ाना, शायद इनकी फितरत में शामिल है।

आप ही सोचिये, ११ रुपये की उस बूंदी के लिफाफे के ज़रिये हम कितने दिलों में जगह बना लेते हैं, कितनी जिंदगियों में खुशी बाँट लेते हैं। लोग जिसे प्रसाद मानते हैं , मेरे लिए वोह हनुमान का प्यार है जिसे वोह मेरे माध्यम से अपने भक्तों में बाँट लेते हैं। मेरे लिए वोह ११ रुपये की खुशी वाकई में अनमोल है जिसे मैं हर मंगलवार को बांटूंगा। आप भी आईये और ११ रूपये में अनमोल प्रेम पाईये।

5 comments:

Saurav Chakraborty said...

bahut badiya.Very well written!

Its good to detach yourself with the present and visit the past.

tyrooed said...
This comment has been removed by a blog administrator.
Anil Kumar said...

हनुमान जी के बहाने कितने भूखों को प्रसादरूपी भोजन प्राप्त होता है! अच्छा लिखा है, लिखते रहें!

Shalabh Pandey said...

Bahut achcha likha. Screen par Hindi parhna achcha lagta hai- aur agar achcha likha ho to aur bhi.

Shalabh

Piyush Aggarwal said...

shukriya meri hosla afzayi karne ke liye dost. :)