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Saturday, October 17, 2009

दिवाली की शुभकामनाएं


जय श्री गणेश!

सपनों के दीप भी सजेंगे आज की रात
बिछडे हुए मीत मिलेंगे आज की रात
बिजलियाँ फ़िर चमक उठेंगी आज की रात
हर घर में लगेगा श्री राम का दरबार आज की रात

मिठाइयों का होगा बोलबाला आज की रात
बाज़ारों का रंग होगा निराला आज की रात
अपने भी होंगे और कुछ पराये भी,
मनेगी दिवाली सभी के साथ आज की रात।

उपहारों से होंगे भरे सभी आंगन
मुस्कानों से खिलेगा दोबारा से हर मन
न मैं न तुम पर हम सब मनायेंगे
खुशियों भरी दिवाली आज की रात।

1 comment:

Udan Tashtari said...

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

सादर

-समीर लाल 'समीर'