उड़ना मुझे पसंद है,
सूरज के सातों घोडों को
हवा के पंख लगा के उनकी सवारी करना,
एक विचित्र अनुभव है।
मनो मेरी कल्पना
कुछ पल के लिए बादलों के उस पार
खड़ी मुझपे मुस्कुरा रही हो।
अब तोह ऐसा लगता है की
इस निरंतर भागती कल्पना की गति
को रोक पाना काफ़ी कठिन है।
2 comments:
इस निरंतर भागती कल्पना की गति
को रोक पाना काफ़ी कठिन है
bahut sahi rachana. dhanyawaad.
shukriya dost...aapki zarra nawazi ke liye :)
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